श्रीकृष्ण की अन्तिम लीलाओं का स्थल भी सोमनाथ वेरावल है
श्रीमद्भागवत, महाभारत और श्रीविष्णुपुराण जैसे दिव्य ग्रन्थों में इस देहोत्सर्ग तीर्थ का उल्लेख आता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इस स्थान पर देहोत्सर्ग किया और गोलोकधाम के तेज में प्रवेश कर गये। इसीलिये इस तीर्थ की महिमा विशेष है और यह गोलोकधाम के नाम से भी जाना जाता है (चित्र 7)। यहाँ पर श्रीकृष्ण चरणपादुकाजी के अतिरिक्त बड़ेभ्राता बलरामजी जो शेषनाग के अवतार थे, उनकी गुफ़ा भी है जो बहुत पुराने काल की प्रतीत होती है। यहीं पर काशीविश्वनाथ का मन्दिर एवं गीतामंदिर भी है। हिरण नदी का यह तट श्रीगोलोकघाट कहलाता है।
बलराम जी की गुफ़ा भालका तीर्थ