Gyaan Ganga (Devotees’ Column)

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गोपाल गोपाल ।

 

5 thoughts on “Gyaan Ganga (Devotees’ Column)

  1. Gopal gopal
    Baba ji ka ashirvad pyar sadev bani rahe babaji ka ashirvad mere pariwar par bana hai yahi ichcha hai sadev bana rahe. Ram ram

  2. Gyaan Kavach….By therishi

    प्रश्न- प्रार्थना और ध्यान कैसे होता है..? ( भाग- १)

    ऊत्तर- प्रार्थना कि बात है. एक तो अपना दुखः कैसा दुखः हुम करते है! मेरे बिमारी क कोइ साथी है कि नही है कोइ साथी हमारे कुटूंब कबीला , माता पिता, भाई बेहेन कोइ हमारे दुखः का साथी है कि नही है. ऍसा देखना चाहिए कि कोइ है कि नही है! यदि मेरा दुखः का भीतर का दर्द और पीडा यदि कोइ जानता है, तो कितना जानता है ? कितना जानता है ?, भीतर का जानता है कि बाहर का जानता है? भीतर का नही जानता है बाहर का जानता है कि जहा धोका है! हम क्या करे ? दवाई, दरपन, हकीम, डाक्टर सब कुद्द करता है वह हार जाता है ऊसकी कुद्द चलता नही है! वह दर्द हमी को फिर हमी को होता है! और दुसरा कोइ नही जानता है कि वह दर्द हमी को होता है.! ……

    तो मै ईश्वर को पुकारते है कि ईश्वर, अब कोइ नही जानता है. तुम्ही जानता है.! तेरे सिवाय दुनिया कोइ नही है! जो कुद्द है तु ही है! माता- पिता, हम तो माता पिता समझते थे कि हमरा कोई दूसरा ही है ! ग्रह्स्थ मे है! कोई माता पिता हमारे दुखः को लेने वाला नही है! ईससे हार गया ! और जो कुद्द है तू ही है! तेरे सिवाय कोई नही है! जो स्वरूप है, कुद्द ही करने धरने वाला है! तु ही माता पिता, कुटुम्ब, कबीला, तूही देखने वाला है! तेरे सिवाय कोई नही है! क्या!!!!!

    अगला भाग कुद्द ही दिनो मे………..

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